विभिन्न प्रकार के हर्निया: इनग्युनल, अम्ब्लाइकल, वेंट्रल और इन्सीजनल हर्निया में क्या अंतर है?
— डॉ. शुभम गुप्ता, लेप्रोस्कोपिक व लेज़र सर्जन, ग्वालियर
परिचय: हर्निया कोई शर्म की बात नहीं — समय पर इलाज बेहद ज़रूरी है
हर्निया एक बहुत ही सामान्य समस्या है, खासकर पुरुषों में। फिर भी, कई मरीज़ पेट या जांघ के पास उभार, भारीपन और दर्द को नज़रअंदाज़ करते रहते हैं। “शायद गैस है”, “जिम में खिंचाव आ गया” — ऐसे बहाने लगाकर लोग महीनों-सालों तक दर्द झेलते रहते हैं।
सच यही है: हर्निया अपने-आप ठीक नहीं होता। देरी करने से यह बड़ा होकर दर्दनाक और खतरनाक भी हो सकता है, और इमरजेंसी सर्जरी तक की नौबत आ जाती है।
इनग्युनल हर्निया: जांघ-ग्रोइन क्षेत्र में उभार
इनग्युनल हर्निया सबसे आम हर्निया है, विशेषकर पुरुषों में।
लक्षण
- जांघ/ग्रोइन के पास सूजन या गांठ
- खड़े होने या वजन उठाने पर उभार बढ़ना
- चलने-फिरने पर भारीपन या खिंचाव
- देर होने पर तीव्र दर्द और फँसाव (Strangulation) का खतरा
किसे जोखिम ज्यादा?
- भारी वजन उठाने वाले
- लगातार खांसी/कब्ज वाले लोग
- लंबे समय तक खड़े रहने वाले
- उम्रदराज पुरुष
इलाज
इनग्युनल हर्निया का स्थायी इलाज सिर्फ सर्जरी है। लेप्रोस्कोपिक इनग्युनल हर्निया रिपेयर आज सबसे सुरक्षित और आरामदायक विकल्प है:
- कम दर्द
- 1-2 दिन में घर
- जल्दी वॉकिंग / काम शुरू
- सुंदर कॉस्मेटिक रिजल्ट (कोई बड़ा कट नहीं)
अम्ब्लाइकल हर्निया: नाभि के पास उभार
यह हर्निया नाभि के पास दिखाई देता है, बच्चों और महिलाओं में अधिक पाया जाता है, विशेषकर गर्भावस्था के बाद।
लक्षण
- नाभि से उभार निकलना
- खांसने या खड़े होने पर उभार बढ़ना
- पेट में भारीपन
कब खतरा?
कभी-कभी आंत फँस सकती है, जिससे दर्द और उल्टी हो सकती है — यह इमरजेंसी है।
इलाज
दवा से नहीं जाता। लेप्रोस्कोपिक अम्ब्लाइकल हर्निया सर्जरी सबसे प्रभावी और बिना दर्द वाली तकनीक है।
वेंट्रल हर्निया: पेट की दीवार में कमजोरी से उभार
पेट में किसी भी जगह से मांसपेशियों के कमजोर होने पर वेंट्रल हर्निया बन सकता है।
कारण
- मोटापा
- लगातार खाँसी
- प्रेग्नेंसी के बाद मांसपेशियों की कमजोरी
- भारी वजन उठाना
लक्षण
- पेट के किसी हिस्से में गोल या लंबा उभार
- लंबे समय तक बैठने-खड़े होने पर दर्द
इलाज
लेप्रोस्कोपिक वेंट्रल हर्निया रिपेयर आधुनिक तरीका है:
- कम दर्द
- कम रक्तस्राव
- तेज़ रिकवरी
इन्सीजनल हर्निया: पिछली सर्जरी के बाद होने वाला हर्निया
किसी पेट की सर्जरी के बाद यदि टांकों में कमजोरी आ जाए या ठीक न हो पाए, तो वहाँ से हर्निया बन जाता है।
लक्षण
- पुराने ऑपरेशन वाले निशान के पास उभार
- चलते-फिरते दर्द या खिंचाव
- उभार बड़ा होता जाना
क्यों बनता है?
- ऑपरेशन के बाद भारी वजन उठाना
- मोटापा
- डायबिटीज
- लंबे समय तक खाँसी या कब्ज
- संक्रमण
इलाज
ओपन सर्जरी में बड़े कट और ज्यादा दर्द होता है, इसलिए लेप्रोस्कोपिक इन्सीजनल हर्निया रिपेयर बेहतर विकल्प है।
- Mesh रिपेयर
- कम दर्द
- जल्दी रिकवरी
क्या हर हर्निया का लेप्रोस्कोपी से इलाज हो सकता है?
हाँ — ज़्यादातर हर्निया लेप्रोस्कोपी से ठीक किए जा सकते हैं, जैसे:
- Inguinal Hernia
- Umbilical Hernia
- Ventral Hernia
- Incisional Hernia
हालांकि, कौन-सी तकनीक आदर्श है—यह हर्निया के आकार, स्थान और रोगी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसीलिए सही निदान बेहद महत्वपूर्ण है।
हर्निया को नज़रअंदाज़ न करें
यदि आप लगातार ये लक्षण महसूस कर रहे हैं:
- पेट/ग्रोइन में सूजन
- भारीपन / दबाव
- खाना खाने के बाद उभार बढ़ना
- दर्द या जलन
- कब्ज या उल्टी के साथ दर्द (इमरजेंसी संकेत)
तो अनदेखा न करें। हर्निया फट सकता है और आंत फँस सकती है — यह जानलेवा स्थिति बन सकती है।
निष्कर्ष: समय पर जाँच और सही सर्जरी ही सुरक्षित विकल्प है
हर्निया साधारण दिखता है, पर गलत इलाज या देरी गंभीर जटिलताएँ पैदा कर सकती है।
सटीक निदान + सही सर्जिकल तकनीक = सुरक्षित व स्थायी इलाज
एक विशेषज्ञ लेप्रोस्कोपिक सर्जन ही यह तय कर सकता है कि आपके हर्निया के लिए लेप्रोस्कोपी, मैश रिपेयर, या कोई अन्य तकनीक सबसे सुरक्षित और उचित है।
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स्थान: True Health Polyclinic, Hospital Rd, Near Old Parivaar Hospital, Lalitpur Colony, Lashkar, Gwalior
विशेषज्ञ: Laparoscopic & Laser Surgeon — Dr. Shubham Gupta