हर्नियाः क्या यह दोबारा हो सकता है? रिकवरी और रोकथाम के ज़रूरी टिप्स

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हर्नियाः क्या यह दोबारा हो सकता है? रिकवरी और रोकथाम के ज़रूरी टिप्स

हर्निया एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। इसमें पेट की मांसपेशियों में कमजोरी के कारण आंत या फैट बाहर की तरफ उभर आता है। कई लोग सर्जरी कराने के बाद भी पूछते हैं- क्या हर्निया दोबारा हो सकता है?

इसका जवाब है-हाँ, अगर सावधानी नहीं रखी जाए तो हर्निया दोबारा हो सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि सही इलाज और कुछ ज़रूरी सावधानियों से इसे दोबारा होने से रोका जा सकता है।

हर्निया दोबारा क्यों होता है?

कुछ कारण जिनसे हर्निया रीक्योर (दोबारा) हो सकता है:

  • सर्जरी के बाद भारी वजन उठाना
  • पेट में लगातार दबाव (कब्ज, खाँसी या पेशाब में जोर लगाना)
  • मोटापा
  • कमजोर मांसपेशियाँ
  • संक्रमण या टांकों पर ज़ोर पड़ना
  • धूम्रपान से धीमी हीलिंग

हर्निया का सही इलाज – लैप्रोस्कोपिक सर्जरी

आज के समय में **लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर** सबसे सुरक्षित और आधुनिक तरीका माना जाता है। इसमें छोटे चीरे के जरिए मेष (Mesh) लगाई जाती है, जो कमजोर हिस्से को मजबूत बनाती है। रिकवरी जल्दी होती है, दर्द कम होता है और दोबारा होने का खतरा भी कम रहता है।

सर्जरी के बाद रिकवरी टिप्स

रिकवरी के दौरान इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें:

  • 4-6 हफ्ते तक वजन उठाने से बचें
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए बेल्ट या सपोर्ट का इस्तेमाल करें
  • कब्ज से बचने के लिए पानी और फाइबर ज़्यादा लें
  • खाँसी या छींक आने पर पेट सपोर्ट करें
  • नियमित फॉलो-अप करवाएं
  • धूम्रपान और अल्कोहल से बचें

हर्निया दोबारा न हो, इसके लिए रोकथाम के उपाय

सर्जरी के बाद इन आदतों को अपनाएँ:

  • रोज हल्की वॉक या ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें
  • पेट की मांसपेशियों को धीरे-धीरे मजबूत करें
  • अचानक पेट पर दबाव डालने वाले काम न करें
  • हेल्दी वज़न बनाए रखें
  • सही बॉडी पोस्ट्चर रखें

विशेषज्ञ सलाह क्यों ज़रूरी है?

हर्निया एक बार होने पर खुद ठीक नहीं होता, और घरेलू उपचार से यह बढ़ भी सकता है। इसलिए सही समय पर अनुभवी सर्जन से इलाज कराना ज़रूरी है।

यदि आप Gwalior या आसपास के क्षेत्र से हैं, तो आप **Dr. Shubham Gupta** (हर्निया और गैलब्लैडर सर्जन, Gwalior) से परामर्श ले सकते हैं। वे लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर में विशेषज्ञ हैं और सफल सर्जरी के लिए जाने जाते हैं।

निष्कर्ष

हर्निया दोबारा हो सकता है, लेकिन सही सर्जरी और सावधानियों से इसे रोका जा सकता है। समय पर जांच, आधुनिक लैप्रोस्कोपिक इलाज और सही जीवनशैली से आप सुरक्षित और स्वस्थ रह सकते हैं।

दर्द या उभार को नजरअंदाज न करें। देर न करें – समय पर इलाज करवाएँ।

डॉ. शुभम गुप्ता – लैप्रोस्कोपिक एवं लेज़र सर्जन
कॉल/WhatsApp: +91 8692963804
क्लिनिक: ट्रू हेल्थ पॉलीक्लिनिक – ललितपुर कॉलोनी, ग्वालियर

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