हर्निया दोबारा होने का डर? सर्जरी के बाद हर्निया दुबारा न हो इसके 5 ज़रूरी उपाय

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हर्निया दोबारा होने का डर? सर्जरी के बाद हर्निया दुबारा न हो इसके 5 ज़रूरी उपाय

परिचय: हर्निया और रिकरेंस की चिंता

हर्निया आज के समय में एक आम समस्या है, जिसका स्थायी इलाज सर्जरी (Hernia Repair Surgery) ही है। लेकिन कई मरीजों की चिंता यही रहती है कि—”क्या हर्निया फिर से हो सकता है?”

इसका जवाब है — हाँ, हो सकता है, लेकिन सही देखभाल और सावधानियों से आप Hernia Recurrence यानी हर्निया की वापसी को पूरी तरह रोक सकते हैं।

आज हम आपको बताने वाले हैं हर्निया सर्जरी के बाद अपनाने के 5 ज़रूरी टिप्स, जो आपको सुरक्षित रिकवरी में मदद करेंगे और हर्निया दोबारा होने से बचाएंगे।

हर्निया दोबारा क्यों होता है? (Common Reasons for Recurrence)

हर्निया के दोबारा होने (Recurrence) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से अधिकांश पेट पर पड़ने वाले लगातार आंतरिक दबाव से जुड़े होते हैं:

  • सर्जरी के बाद भारी वजन उठाना
  • कब्ज (Constipation) या पेशाब में जोर लगाने की आदत
  • लगातार खाँसी या ब्रोंकाइटिस
  • मोटापा (Obesity) या कमजोर मांसपेशियाँ
  • धूम्रपान से धीमी हीलिंग और संक्रमण का खतरा

5 ज़रूरी टिप्स – हर्निया दोबारा होने से कैसे रोकें?

हर्निया रिकरेंस से बचने के लिए सर्जरी के बाद की रिकवरी सबसे अहम है।

1. सर्जरी के बाद भारी वजन उठाना तुरंत बंद करें

हर्निया रिकरेंस का सबसे बड़ा कारण सर्जिकल क्षेत्र पर अचानक दबाव डालना है।

  • पहले 4 से 6 हफ्ते तक 3–5 किलो से ज्यादा वजन न उठाएँ।
  • जिम या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग डॉक्टर की सलाह के बाद ही, कम से कम 2 महीने बाद शुरू करें।
  • अचानक पेट पर दबाव डालने वाले काम न करें।

2. कब्ज (Constipation) से बचें

कब्ज की वजह से मल त्याग के दौरान पेट की मांसपेशियों पर ज़ोर पड़ता है, जो नए हर्निया का कारण बन सकता है।

  • रोज़ाना फाइबर वाली चीजें खाएँ (सलाद, दलिया, फल).
  • दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ।
  • अगर कब्ज है तो डॉक्टर की सलाह से इसबगोल/स्टूल सॉफ़्टनर लें।

3. वजन कंट्रोल में रखें और धूम्रपान छोड़ें

मोटापा पेट की दीवार पर निरंतर दबाव डालता है, जिससे हर्निया पुनः होने का खतरा बढ़ जाता है।

  • हल्की वॉक और ब्रीदिंग एक्सरसाइज से शुरुआत करें।
  • सर्जरी के बाद धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें, क्योंकि यह हीलिंग (Healing) को धीमा करता है।
  • मांसपेशियों को धीरे-धीरे मजबूत करें।

4. पुरानी बीमारियों और खाँसी को तुरंत कंट्रोल करें

कोई भी स्थिति जो लगातार पेट पर दबाव डाले, वह घातक है।

  • लंबी खांसी हो तो देर न करें – तुरंत इलाज कराएँ।
  • प्रोस्टेट की दिक्कत या पेशाब में जोर लगाने की समस्या हो तो यूरोलॉजिस्ट की सलाह लें।
  • छींक या खाँसी आने पर पेट को सपोर्ट करें (हाथ या तकिए से हल्का दबाव दें)।

5. डॉक्टर की पोस्ट-सर्जरी गाइडलाइन पूरी फॉलो करें

रिकवरी के लिए डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना सबसे ज़रूरी है।

  • डॉक्टर द्वारा दिए गए abdominal belt या सपोर्ट का इस्तेमाल करें।
  • फॉलो-अप चेकअप (Follow-up checkup) मिस न करें।
  • सही बॉडी पोस्ट्चर रखें।

क्या लैप्रोस्कोपिक सर्जरी रिकरेंस कम करती है?

हाँ, आज के समय में लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर (Laparoscopic Mesh Hernia Repair) सबसे सुरक्षित और आधुनिक तरीका माना जाता है।

डॉ. शुभम गुप्ता लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर में विशेषज्ञ हैं। इस तकनीक के फायदे हैं:

  • रिकवरी जल्दी होती है, दर्द कम होता है।
  • छोटे चीरे के साथ मेष (Mesh) लगाई जाती है, जो कमजोर हिस्से को मजबूत बनाती है।
  • सही सावधानियों के साथ हर्निया रिकरेंस की संभावना बहुत कम होती है।

दर्द या उभार को नजरअंदाज न करें – देर न करें, समय पर इलाज करवाएँ।

परामर्श के लिए संपर्क करें

यदि आप Gwalior या आसपास के क्षेत्र से हैं, तो आप Dr. Shubham Gupta (हर्निया और गैलब्लैडर सर्जन, Gwalior) से परामर्श ले सकते हैं।

डॉ. शुभम गुप्ता – लैप्रोस्कोपिक एवं लेज़र सर्जन
कॉल/WhatsApp: +91 8692963804
क्लिनिक: ट्रू हेल्थ पॉलीक्लिनिक – ललितपुर कॉलोनी, ग्वालियर

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