लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी एक नवीनतम सर्जिकल तकनीक है जो महिलाओं में यूटेरस (गर्भाशय) से फाइब्रॉइड्स (मायोमा) को निकालने के लिए उपयोग की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिनसे एक कैमरा और विशेष उपकरणों को गर्भाशय तक पहुंचाया जाता है। यह पारंपरिक ओपन सर्जरी के मुकाबले कम इनवेसिव है और इसमें रिकवरी टाइम भी कम होता है। इस लेख में हम लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
मायोमेक्टोमी क्या है?
मायोमेक्टोमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय से फाइब्रॉइड्स को निकाला जाता है। फाइब्रॉइड्स गैर-कैंसरजनक ट्यूमर होते हैं जो गर्भाशय में उत्पन्न होते हैं और कई बार दर्द, भारी मासिक धर्म, और गर्भाधान में कठिनाई का कारण बन सकते हैं।
लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी क्या है?
लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है जो लेप्रोस्कोप (एक पतला, लचीला ट्यूब जिसमें कैमरा और लाइट होता है) की सहायता से की जाती है। इस प्रक्रिया में सामान्यतः 3-4 छोटे चीरे लगाए जाते हैं जिनसे सर्जिकल उपकरण और कैमरा गर्भाशय तक पहुंचाए जाते हैं। कैमरा की मदद से सर्जन एक मॉनिटर पर गर्भाशय का दृश्य देखते हैं और उपकरणों की सहायता से फाइब्रॉइड्स को हटाते हैं।
लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी के लाभ
- कम दर्द: पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम चीरे होने के कारण दर्द भी कम होता है।
- त्वरित रिकवरी: छोटे चीरे और कम इनवेसिव प्रक्रिया के कारण मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है और सामान्य जीवन में वापस लौट सकता है।
- कम निशान: छोटे चीरे के कारण निशान भी छोटे होते हैं और जल्दी ठीक हो जाते हैं।
- कम रक्तस्राव: इस प्रक्रिया में रक्तस्राव की संभावना भी कम होती है।
लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी की प्रक्रिया
- तैयारी: सर्जरी से पहले मरीज का पूरा मेडिकल इतिहास लिया जाता है और कुछ टेस्ट किए जाते हैं। मरीज को एनस्थीसिया दिया जाता है जिससे वह पूरी प्रक्रिया के दौरान बेहोश रहता है।
- चीरे लगाना: गर्भाशय तक पहुंचने के लिए पेट पर 3-4 छोटे चीरे लगाए जाते हैं।
- कैमरा और उपकरण डालना: लेप्रोस्कोप और अन्य सर्जिकल उपकरण चीरे के माध्यम से डाले जाते हैं।
- फाइब्रॉइड्स निकालना: कैमरा के जरिए मॉनिटर पर गर्भाशय का दृश्य देखकर फाइब्रॉइड्स को उपकरणों की सहायता से निकाला जाता है।
- चीरे बंद करना: प्रक्रिया पूरी होने के बाद चीरे को सिले जाता है और मरीज को रिकवरी रूम में भेजा जाता है।
रिकवरी और पोस्ट-ऑपरेटिव केयर
सर्जरी के बाद मरीज को अस्पताल में 1-2 दिन के लिए रखा जा सकता है। पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं। डॉक्टर द्वारा दी गई सभी निर्देशों का पालन करना जरूरी है। मरीज को कुछ समय के लिए भारी वजन उठाने और जोरदार गतिविधियों से बचना चाहिए।
संभावित जोखिम और जटिलताएं
हालांकि लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी एक सुरक्षित प्रक्रिया है, फिर भी कुछ जोखिम हो सकते हैं जैसे कि:
- संक्रमण
- अत्यधिक रक्तस्राव
- गर्भाशय या अन्य अंगों को नुकसान
- एनस्थीसिया से संबंधित समस्याएं
लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी महिलाओं के लिए एक प्रभावी और कम इनवेसिव विकल्प है जो गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान करता है। यह प्रक्रिया पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम दर्द, जल्दी रिकवरी और छोटे निशान के साथ बेहतर परिणाम देती है। किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया से पहले अपने डॉक्टर से विस्तृत जानकारी और सलाह अवश्य लें।