पित्ताशय, जिसे गॉलब्लैडर भी कहा जाता है, एक छोटा अंग है जो लिवर के नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य पित्त को संग्रहित करना और उसे छोड़ना है, जो कि वसा के पाचन में मदद करता है। पित्ताशय से जुड़े विभिन्न रोग हो सकते हैं, जिनमें पित्ताशय की पथरी, पित्ताशय की सूजन (कोलेसिस्टाइटिस), पित्ताशय के कैंसर, और पित्त नलिका के रुकावट शामिल हैं। इन रोगों के लक्षण विविध हो सकते हैं और कभी-कभी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। आइए इन रोगों और उनके लक्षणों पर एक नज़र डालते हैं।
पित्ताशय की पथरी (चोलेलिथियासिस)
पित्ताशय की पथरी सबसे आम पित्ताशय रोगों में से एक है। यह तब होता है जब पित्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ जमा होकर ठोस निर्माण करते हैं।
लक्षण:
- पेट के ऊपरी दाएँ हिस्से में तीव्र दर्द।
- मतली और उल्टी।
- पीलिया (त्वचा और आंखों का पीलापन)।
- डार्क यूरिन और हल्के रंग का मल।
पित्ताशय की सूजन (कोलेसिस्टाइटिस)
कोलेसिस्टाइटिस अक्सर पित्ताशय की पथरी के कारण होता है, जो पित्त के प्रवाह को रोकती है, जिससे सूजन और संक्रमण हो सकता है।
लक्षण:
- पेट के ऊपरी दाएँ हिस्से में तेज और लगातार दर्द।
- बुखार और कंपकंपी।
- पेट फूलना।
- मतली और उल्टी।
पित्ताशय कैंसर
पित्ताशय का कैंसर दुर्लभ है, लेकिन यह घातक हो सकता है। इसके लक्षण अक्सर देर से प्रकट होते हैं।
लक्षण:
- पीलिया।
- वजन घटना बिना किसी ज्ञात कारण के।
- पेट में दर्द और भारीपन।
- भूख न लगना।
पित्त नलिका की रुकावट
पित्त नलिका की रुकावट पित्ताशय की पथरी, ट्यूमर, या संक्रमण के कारण हो सकती है।
लक्षण:
- पीलिया।
- उच्च बुखार और कंपकंपी।
- त्वचा में खुजली।
- हल्के रंग का मल और डार्क यूरिन।
पित्ताशय रोगों का निदान अक्सर अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, और अन्य इमेजिंग तकनीकों के माध्यम से किया जाता है। उपचार रोग की प्रकृति और गंभीरता पर निर्भर करता है, जिसमें दवाइयाँ, शल्य चिकित्सा, और अन्य इंटरवेंशन शामिल हो सकते हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव होता है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।