पित्ताशय की पथरी, जिसे गॉलस्टोन्स के नाम से भी जाना जाता है, पित्ताशय में बनने वाले ठोस कण होते हैं। पित्ताशय एक छोटा, नाशपाती के आकार का अंग होता है जो लीवर के नीचे स्थित होता है और पाचन में सहायता के लिए पित्त नामक एक द्रव्य को संग्रहित और एकाग्र करता है। पित्ताशय की पथरी के दो मुख्य प्रकार होते हैं: कोलेस्ट्रॉल पित्ताशय की पथरी और पिगमेंट पित्ताशय की पथरी। ये पथरी आकार में रेत के कणों से लेकर गोल्फ बॉल के आकार तक विभिन्न आकारों में हो सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल पित्ताशय की पथरी
कोलेस्ट्रॉल पित्ताशय की पथरी सबसे आम प्रकार की पथरी होती है, जो अधिकांश मामलों में पाई जाती है। ये पथरी तब बनती है जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि यह पित्त लवण द्वारा घुल नहीं पाती। इसके परिणामस्वरूप, कोलेस्ट्रॉल से युक्त पथरी बन जाती है। ये पथरी आमतौर पर हल्के पीले से लेकर सफेद रंग की होती हैं।
पिगमेंट पित्ताशय की पथरी
पिगमेंट पित्ताशय की पथरी का निर्माण बिलीरुबिन के अत्यधिक संचय से होता है, जो रक्त कोशिकाओं के टूटने के दौरान उत्पन्न होता है। ये पथरी आमतौर पर काले या गहरे भूरे रंग की होती हैं। पिगमेंट पथरी दो प्रकार की होती हैं: काली पिगमेंट पथरी और भूरी पिगमेंट पथरी। काली पिगमेंट पथरी अक्सर हेमोलिटिक एनीमिया या सिरोसिस जैसी स्थितियों में पाई जाती है, जबकि भूरी पिगमेंट पथरी आमतौर पर पित्त नलिका के संक्रमण के कारण बनती है।
पथरी के कारण और जोखिम कारक
पित्ताशय की पथरी के निर्माण के लिए कई कारण और जोखिम कारक हो सकते हैं, जिसमें अत्यधिक वजन या मोटापा, उच्च वसा और कम फाइबर वाले आहार, लिंग (महिलाओं में अधिक आम), उम्र (40 वर्ष से अधिक), पारिवारिक इतिहास, और डायबिटीज शामिल हैं।
निदान और उपचार
पित्ताशय की पथरी का निदान आमतौर पर अल्ट्रासाउंड, CT स्कैन, या MRI के माध्यम से किया जाता है। उपचार विकल्पों में सर्जिकल हटाना (लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी), औषधीय उपचार जो पथरी को घुलाने का प्रयास करते हैं, और लिथोट्रिप्सी शामिल हैं। हालांकि, सर्जिकल हटाना सबसे आम और प्रभावी उपचार है।
पित्ताशय की पथरी एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो विश्वभर में लोगों को प्रभावित करती है। इसके प्रकार और उपचार विकल्पों की बेहतर समझ से रोगियों को इस स्थिति से निपटने में मदद मिल सकती है। स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से जोखिम कारकों को कम करना और समय पर चिकित्सीय सलाह लेना पित्ताशय की पथरी के निर्माण को रोकने या प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण है।