हर्निया तब होता है जब शरीर के अंदर का कोई अंग या ऊतक उसे घेरने वाली मांसपेशी या ऊतक के माध्यम से बाहर निकल आता है। यह स्थिति विभिन्न कारणों से हो सकती है और शरीर के कई हिस्सों में प्रकट हो सकती है, जैसे कि पेट, ग्रोइन क्षेत्र, और नाभि के आसपास। हर्निया के होने के मुख्य कारणों में शामिल हैं:
- दबाव और मांसपेशियों की कमजोरी: शरीर के किसी हिस्से में अधिक दबाव पड़ने और उस हिस्से की मांसपेशियों या ऊतकों की कमजोरी के कारण हर्निया हो सकता है। यह दबाव भारी वस्तुओं को उठाने, अधिक वजन, खांसी, या गर्भावस्था के दौरान हो सकता है।
- आनुवंशिक कारक: कुछ लोगों में मांसपेशियों की कमजोरी आनुवंशिक होती है, जो हर्निया के विकास को प्रेरित कर सकती है।
- उम्र: उम्र के साथ मांसपेशियों की ताकत में कमी आती है, जिससे हर्निया का खतरा बढ़ जाता है।
- विशिष्ट चिकित्सा स्थितियाँ: कुछ चिकित्सा स्थितियाँ, जैसे कि लम्बे समय तक खांसी या कब्ज, शरीर के अंदर अधिक दबाव पैदा कर सकती हैं, जिससे हर्निया होने का खतरा बढ़ जाता है।
- पिछली सर्जरी: शरीर के किसी हिस्से में हुई पिछली सर्जरी से मांसपेशियों या ऊतकों में कमजोरी आ सकती है, जिससे हर्निया का खतरा बढ़ जाता है।
हर्निया के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं उभार या सूजन, दर्द, और असहजता, खासकर जब आप खांसते हैं, झुकते हैं, या भारी चीजें उठाते हैं। हालांकि, कुछ हर्निया दर्दरहित होते हैं और केवल शारीरिक परीक्षण या अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान पाए जाते हैं।
हर्निया का इलाज इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के मामलों में, डॉक्टर निगरानी की सलाह दे सकते हैं, जबकि अधिक गंभीर या जटिल मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। हर्निया की रोकथाम के लिए, उचित शारीरिक गतिविधियों, स्वस्थ वजन बनाए रखने, और उचित तरीके से भार उठाने की तकनीकों का अभ्यास करना महत्वपूर्ण है।